वक्त की कैद में ,
जिंदगी है मगर ,
चंद घड़ियाँ यही हैं  जो आज़ाद हैं 
इनको खो कर, मेरे जानेजां,
उम्र भर  न तरसते रहो 
यूँ तो ये बोल कई बार सुने थे,
आज पर, ये समझे गए हैं 
हम सभी को इतने काम हैं 
के हम सभी वक्त के गुलाम हैं ,
पर सच कहो,
सच सच कहो, 
क्या वाकई तुम इतने "बिजी" हो ?
खैर 
यही चंद चाँद बचे हैं,
यही थोड़ा टहलना बचा है,
थोड़े से ही मौके हैं,
इन्हे खो दोगे
फिर रोओगे ,
चीखोगे , चिल्लाओगे , हाथ मलोगे
पर अफ़सोस
अफ़सोस ये कोई समझ न सका
और वक्त को भी वो बांध सका,
सूखी सी उस शाख के जैसा
अकड़ा।
और वक़्त की कीमत को
कभी न पकड़ा।
वो बस यही सोचता रह गया
वक्त है अभी , देख लूंगा, कर लूंगा, मिल लूंगा
ये कहते सोचते
वक़्त बीतते
देखता रह गया
सोचो
सोचो जाने कितना तरसा होगा वो
उसी वक़्त के लिए
जिसे वो पीछे छोड़ आया था
सोचो
गर तुम्हे किसी से
कुछ हो कहना,
कुछ सुनना
कुछ पूरा करना
या अधूरा करना
तो कर दो बस
जो भी वक़्त हो
जैसा भी, जितना भी
खुल कर जिओ
इतंजार मत करो
क्युकी
वक़्त तुम्हारा नहीं करेगा,
इंतजार
यही थोड़ा टहलना बचा है,
थोड़े से ही मौके हैं,
इन्हे खो दोगे
फिर रोओगे ,
चीखोगे , चिल्लाओगे , हाथ मलोगे
पर अफ़सोस
अफ़सोस ये कोई समझ न सका
और वक्त को भी वो बांध सका,
सूखी सी उस शाख के जैसा
अकड़ा।
और वक़्त की कीमत को
कभी न पकड़ा।
वो बस यही सोचता रह गया
वक्त है अभी , देख लूंगा, कर लूंगा, मिल लूंगा
ये कहते सोचते
वक़्त बीतते
देखता रह गया
सोचो
सोचो जाने कितना तरसा होगा वो
उसी वक़्त के लिए
जिसे वो पीछे छोड़ आया था
सोचो
गर तुम्हे किसी से
कुछ हो कहना,
कुछ सुनना
कुछ पूरा करना
या अधूरा करना
तो कर दो बस
जो भी वक़्त हो
जैसा भी, जितना भी
खुल कर जिओ
इतंजार मत करो
क्युकी
वक़्त तुम्हारा नहीं करेगा,
इंतजार
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